१ .पलवैया धाम, हसनपुर गुर्दा, दिनांक 23 अगस्त २०१९ को नव निर्मित बाबा गणिनाथ जी का मंदिर का उद्घाटन एवं 14 पिण्ड का स्थापन साथ में बाबा गोविंद जी, बाबा गणिनाथ जी एवं माता खेमासती का मूर्ति अनावारण हुआ। नव निर्मित सुन्दर भवन ABMVS के द्वारा भारत नेपाल के भक्तजनों के सहयोग से अध्यक्ष प्रेमचंद साव, सिल्लीगुड़ी, महामंत्री बसंत गुप्ता, गोरखपुर और कोषाध्यक्ष अनील गुप्ता, गया संग सभी भक्तजनों का मंदिर निर्माण में पूर्ण रूप से सहयोग रहा।
२. पलवैया धाम, हसनपुर गुर्दा, पलवैया गंगा तट पर स्थित बाबा गणिनाथ गोविन्दजी महाराज का मन्दिर है जिसका संचालन स्थानीय पंडा जी लोगो एवम राजपूत भक्तो के निगरानी में होता है । प्राचीन पलवैया धाम मंदिर का मूल चौकट एवम पल्ला ऐतिहासिक रूप में संरक्षित है।
३. कोनाहरा घाट, हाजीपुर में कलकल बहती जीवनदायनी गंगा जी के तट पर स्थित है , जिसके दुसरे तट पर हरिहर नाथ महादेव मंदिर दिखाई देता है।
४. घाघा घाट, पटना जो पटना युनिवर्सिटी के पास गंगा के तट पर बाबा गणिनाथ गोविन्दजी का सुन्दर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ प्राचीन मन्दिर स्थित है। शाम सुबह के गंगा के मनोहर दृश्यों के साथ सुकून का समय व्यतीत कर सकते है।
५. पलवैया धाम के मुख्य मन्दिर के गंगा में समाधिस्त होने के पश्चात मुजफ्फरपुर के राय बहादुर टुनकी साव द्वारा बिदुपुर में काफ़ी बडा भूभाग गंगा के दुसरे तट पर लेकर मंदिर निर्माण कर बाबा गणिनाथ गोविन्दजी महाराज के साथ चौदहो देवान का पिंड स्थापित है। यह बृहत भूभाग एवम मन्दिर का संचालन ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
६. दानापुर , पटना में गणिनाथ गोविन्दजी की सुन्दर नव निर्मित मन्दिर है यहां स्थानीय लोगों के द्वारा गणिनाथ जयंती समारोह आयोजित होता है ।
७. पटना शहर में ही कुर्जी इलाके मे गंगा के तट पर गणिनाथ गोविन्दजी की मन्दिर बना हुआ है यहा भादो कृष्णपक्ष अष्टमी के पश्चात आगत शनिवार को श्री गणिनाथ जी जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता हैं।
८. पटना शहर के मध्य और प्रसिद्ध मुहल्ला राजेंद्र नगर स्थित तीन मंजिल का निर्मित विशुद्धानंद आश्रम के भूतल पर गणिनाथ गोविन्दजी स्थित है वही ऊपरी तल धर्मशाला एवम हॉल के रूप मे व्यवहार किया जाता हैं। इसमें कमरों की भी व्यवस्था है।
९. पोखरैरा , मुजफ्फरपुर में भव्य सुन्दर बाबा गणिनाथ जी गोविन्द जी एवम चौदहों देवान के पिंड स्थापित है। इस मन्दिर में गणिनाथ जी जन्मोत्सव पर भारी भीड़ जमा होता है।
१०. बीबीगंज, माड़ीपुर चौक पर बृहत भूभाग पर गणिनाथ गोविन्दजी जी जयंती समारोह आयोजित होता है । यह स्थानीय स्वजातीय द्वारा दान की प्राचीन भूमि है परंतु आपसी प्रॉपर्टी विवाद के कारण उतना डेवलप नही कर पाया है। अभी भी कई लोग प्रयासरत हैं यहां विविध शिक्षण संस्थान, छात्रावास , धर्मशाला खोला जा सकता है।
११. समस्तीपुर में बहुत ही सुन्दर बाबा के परिवार के जीवंत मूर्तियां स्थपित है । मन्दिर की देखरेख , सफाई काफ़ी सुन्दर है । गणिनाथ जयंती पर शानदार भीड़ इकठ्ठी होती हैं।
१२. सीतामढ़ी में भारी जनसंख्या होने के बाद भी मन्दिर की भव्यता और विधि व्यवस्था सुदृढ़ नही है। मुझे गए कई वर्ष हों गया परन्तु सुना है नई कमेटी सक्रीय है।
१३. मोतिहारी,पूर्वी चंपारण मे जातीय संख्या की कमी के बावजूद मन्दिर भूभाग लेकर बाबा को स्थान देना स्थानीय भक्तजनों की हिम्मत और हौसला को धनयवाद है। प्रतिवर्ष पुजा और मेला का आयोजन होता है।
१४. बारा चकिया, पूर्वी चंपारण में गत वर्ष ग्राम कुआवा के कुलगुरु भक्त श्रीं ओमप्रकाश जी द्वारा बृहत, भव्य मंदिर का निर्माण कर बाबा गणिनाथ जी के परिवार को स्थापित किया गया है।
१५. दरभंगा के गणिनाथ गोविन्दजी पूजक भक्तो ने २०१९ में भव्य मनभावन मन्दिर , हॉल का निमार्ण कर अपनी श्रद्धा और भक्ति का मिशाल कायम किया है।
१६. पुनर्नवा गणिनाथ मंदिर देवलास , मऊ, यू पी
मऊ जनपद मुख्यालय से लगभग ३५ कि मी दूर , घोसी मुहम्मदाबाद रोड पर देवलास में १९६२ में स्थापित संत गणिनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार तीव्र गति से जारी है।
१७. दिल्ली में बुद्ध बिहार फेज २, रोहिणी में बाबा गणिनाथ गोविन्दजी जी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा रजिस्टर्ड छोटा भूखंड पर नयनाभिराम बाबा गणिनाथ जी गोविन्द जी, माता खेमासती की प्रतिमा स्थापित किया गया है।
१७.सती स्थान गालिमपुर , लोहची-बरियारपुर , जिला - मुंगेर ( बिहार) मद्धेशिय समाज के लिए एक तीर्थस्थल है जहाँ प्रतिवर्ष मद्धेशिय समाज हजारो -हजार की संख्या में एकत्रित होती है । इसे पूर्वी बिहार का पलवैया धाम कहा जाता है । प्रतिवर्ष होली के बाद द्वितीय_शनिवार_रविवार को दो दिवसीय पूजन नियत है । यहाँ सुंदरी पूजन , मुंडन संस्कार आदि शुभ मांगलिक कार्य सम्पन्न करते है । यहाँ सती मन्दिर , गणिनाथ -गोविन्द जी और भगवान शिव का मन्दिर बना हुआ है ।
१८. सहस्त्र धारा, गया में कुलगुरू गणिनाथ जी सुन्दर मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है जहां प्रतिवर्ष श्रद्धालु जनों की भीड़ पहुंचती हैं।
१९. औरंगाबाद बाईपास पर बभनंडी में प्राचीन बाबा गणिनाथ जी की प्रतिमा मन्दिर में स्थापित है । जगह बहुत ही रामाणिक और अध्यात्म से जुडा है जहां आपकी आस्था और भक्ति स्वत संचारित होने लगता है।
संख्या अधिक होने के कारण शहर/कस्बा का नाम, संख्या संकलित कर रहा हूं - (बिहार)
२०. बांध बनकेरवा , २१.परसा बाजार, २२.गरखा, २३. भागलपुर २४.मद्धेशिय मार्केट सिवान, २५. गोपालगंज,२६.भादस खगड़िया, २७.ढोढी नाथ मन्दिर, बेगूसराय, २८.माणिक पुर , मधेपुरा, २९. मोतीबाग, किशनगंज, ३०.सासाराम, ३१. मारन पुर, गया, खरिक बाजार, बलहा डीह, गढ़िया, कहारा ज़िला सहरसा, बड़का मन्दिर परिसर, लालगंज, सकरी, दरभंगा, गोविन्द नगर, दरभंगा, भरवारा, दरभंगा, बक्सर, महुआ, वैशाली, जगदीश पुर, भोजपुर
झारखण्ड -
३२. जमशेदपुर ३३. धनबाद ३४. ३५.रामगढ़ , ३६. सुरही बोकारो, ३७.रांची सिद्धपुर, ३८.चाईबासा, ३९.बरियातू रांची, ४०. बिजुरिया रांची, ४१.चांदवा, ४२. लातेहार, ४३. गढ़वा, ४४.सरैही डीह, पलामू, ४५.हजारीबाग, ४६.टमरी बरही, हजारीबाग,
उत्तर प्रदेश -
४७.वाराणसी, ४८.भृगुआश्रम, बलिया, ४९ कदमतार चौराहा, बलिया, ५०.उन्माद रोड, भादस ,५१. खापुरा रोड़ कानपुर, ५३.रसड़ा,
नेपाल -
५४.बीरगंज, ५५.जलेसर, ५६.जनकपुर,५७. दुहई बाजार, ५८.रौतहाट, ५९.राजबिराज, ६०.सामहौती, ६१.पिपराही,
पश्चिम बंगाल -
६२.राधा नगर, ६३.आसनसोल,
६३. भिलाई छत्तीसगढ़, दोस्तपुर, दातूआर, महुआ, बल्लूपुर, कालीजरी से भी सूचनाएं प्राप्त हुआ है।
....... (क्रमशः)
नोट - कई लोगो के सहयोग से सूचि संकलीत किया गया है, भूलचूक होना लाजमी , अतः जहा गलत या स्थान छूट गया है तो सूचित करे।
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