शनिवार, 12 सितंबर 2015

बाबा धाम का इतिहास



बाबा धाम का इतिहास

  • बंधुओं ,
संतशिरोमणि बाबा गणिनाथ  की समाधि-भूमि पावन पलवैया, हम सभी स्वजातीय बंधुओं का एक परम पुज्यनीय धाम है । यह बिहार राज्य के वैशाली जिलान्तर्गत महनार प्रखण्ड में अवस्थित है । आप सभी जानते हैं की बाबा के समाधि-स्थल पर एक भव्य मंदिर हुआ करता था जो गंगा नदी के कटाव (1938-1942) में विलीन हो गया ।
  • हमारे सम्मानित बुजुर्गों ने पलवैया में 1984 में पुनः एक मंदिर का निर्माण किया वह भी दुर्भाग्यवश ई0 सन 1998 में संध्या 4 बजकर 55 मिनट पर गंगा नदी के कटाव में विलीन हो गया । कटाव के समय में वैशाली जिले के ममसई के स्वजातीय जमींदार परिवार आगे आया तथा मंदिर के अवशेष तथा शिखर को बचा कर अपने यहाँ सुरक्षित रख लिया जो हमारी धरोहर के रूप में आज भी मौजूद है ।
  • भविष्य के भव्य मंदिर में ईसका उपयोग किया जाना है । बाबा के भक्तों ने 1999 0 सन में बाबा गणीनाथ सेवाश्रम,पलवैया (रजि0) के अंतर्गत पुनः नए सिरे से मंदिर का निर्माण शुरू किया जो वर्तमान में अविकसित रूप में है ।
  • पश्चिम बंगाल के स्वजातीय बंधुओं के अनुकरणीय वृहत सहयोग तथा नेपाल के स्वजातीय बंधुओं , प्रवासी स्वजातीय बंधु डॉ राज एवं कई अन्य भाइयों के सहयोग से 18 कट्ठा जमीन क्रय कर मंदिर परिसर का विस्तार किया जा चुका है ।
  • मंदिर परिसर को और विस्तारित करने हेतु संलग्न भूमि को क्रय करने का प्रयास जारी है । बंधुओं , बाबा के धाम में, बाबा के मंदिर को विश्वस्तरीय स्वरूप देने तथा स्थापत्य की दृष्टि से एक बेजोड़ मंदिर के निर्माण करने की जन-आकांक्षा वर्षों से महसूस की जा रही है ।
  • जन भावना यह भी है की यह मंदिर हमारे समाज की दृढ़ तथा शक्तिशाली होने के प्रतीक-स्वरूप बन सके । बाबा गणीनाथ सेवाश्रम ,पलवैया ईस आकांक्षा को साकार करने के अपने दृढ़-संकल्प में भागीदारी के लिए सभी स्वजातीय बंधुओं ,माताओं एवं बहनों को नेह-निमंत्रित करता है ।
  • हम सभी स्वजातीय मधेशीया कानू परिवार, तन-मन एवं धन से सहयोग कर कम से कम समय में ईस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। । बाबा हम सब का मार्गदर्शन करेंगे तथा सभी बाधाओं को दूर करेंगे । ईस आशा और विश्वास के साथ बाबा गणीनाथ जी महाराज के चरणों में शत-शत नमन ।



5 टिप्‍पणियां: